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Saturday, April 10, 2021

पुलिसवाले की ग्रामीणों ने मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी।

 UPDATED-11/04/2021 TIME-3;00 AM

पुलिसवाले कीग्रामीणों ने मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी।

बिहार के किशनगंज नगर के थानाध्यक्ष (SHO) की बंगाल में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना शनिवार सुबह करीब 3 बजे तब हुई, जब SHO बाइक चोरों को पकड़ने के लिए बिहार की सीमा से निकलकर बंगाल के इस्लामपुर इलाके में चले गए। यह इलाका किशनगंज टाउन से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर है, इसलिए पुलिस टीम को अंधेरे में दूसरे राज्य की सीमा का अंदाजा नहीं लगा, लेकिन अपराधियों ने लोगों को भड़का दिया और भीड़ ने SHO की हत्या कर दी।

अपराधियों ने यह अफवाह फैला दी कि बिहार की पुलिस बंगाल चुनाव में दखलंदाजी करने आई है। यह सुनकर लोग भड़क गए और किशनगंज पुलिस की टीम को घेर लिया। इस दौरान बाकी पुलिसकर्मी तो भागने में कामयाब रहे, लेकिन SHO अश्विनी कुमार समझाइश करने में फंस गए। लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी और पीट-पीटकर मार डाला। जिस जगह घटना हुई, वह बंगाल के गोलपोखर विधानसभा इलाके में आती है, यहां 22 अप्रैल को वोटिंग होगी। अश्वनी कुमार के शव को किशनगंज पुलिस लाइन लाया गया, जहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सलामी दी गई। 

ADG मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा है कि लूट की सूचना के आधार पर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए थाना प्रभारी अश्विनी कुमार छापेमारी के लिए निकले थे। इस दौरान पं. बंगाल के गोपांतापाड़ा गांव पहुंचे थे, जहां ग्रामीणों के साथ मिलकर अपराधियों ने हमला कर दिया। इसके बाद थाना प्रभारी अश्विनी कुमार ने अपनी टीम के सभी पुलिसकर्मियों को निकाला। खुद लोगों को समझाते रहें। इस दौरान वे पीछे रह गए। इसके बाद अज्ञात भीड़ की ओर से मारपीट की गई, जिसमें वे शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि इस कांड में 3 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस केस के संबंध में बिहार के DGP एस के सिंघल ने पं. बंगाल के DGP से बातचीत की है। उनसे तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ADG ने कहा कि शहीद थाना प्रभारी की बहादुरी पर पुलिस विभाग को गर्व है। उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। अपराधियों को दंड दिलाने में पं. बंगाल पुलिस की पूरी मदद करेंगे और केस को फॉलो करते रहेंगे।

मुख्य आरोपी समेत 2 गिरफ्तार
मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पूर्णिया के IG सुरेश प्रसाद और किशनगंज के SP कुमार आशीष बंगाल के इस्लामपुर पहुंच गए और अश्विनी कुमार के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद किशनगंज भेज दिया। पूर्णिया के IG सुरेश प्रसाद ने बताया कि गोपांतापाड़ा गांव में मॉब लिंचिंग की घटना हुई है। बंगाल पुलिस की मदद से छापेमारी की जा रही है। इधर, पटना में पुलिस मुख्यालय के अनुसार इस मामले में एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें फिरोज आलम, अबुजार आलम और सहीनूर खातून शामिल हैं।

एक साल पहले आए थे किशनगंज

अश्विनी कुमार पूर्णिया जिले के जानकी नगर थाना इलाके के आजाद चौक स्थित पंचू टोला के रहने वाले थे। एक साल पहले ही उनका ट्रांसफर किशनगंज टाउन थाना में किया गया था। SP कुमार आशीष ने क्राइम मीटिंग के दौरान जिले के सभी थानाध्यक्षों को चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के निर्देश दिए थे। साथ ही नोटिस भी जारी किया था। शुक्रवार को SP ने वारंटियों की गिरफ्तारी करने का टास्क भी अश्विनी कुमार को दिया था।

SP  ने कहा कि थानेदार अपनी टीम के साथ गए थे। वहां अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी। घटनास्थल पर जांच की जा रही है। गुरुवार रात को किशनगंज में लूट की घटना हुई थी। इसी में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए टाउन थाने की टीम बंगाल गई थी।

बंगाल पुलिस पर भी आरोप

बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि बंगाल में कानून कैद है। वहां पुलिस-वर्दी का कोई वजूद नहीं है। सिंह ने बंगाल की लोकल पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां के लोकल थाना प्रभारी ने OD ऑफिसर को साथ जाने की बात कही थी। OD ऑफिसर ने पहले किशनगंज पुलिस टीम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आप बढ़िए, हम आते हैं। उधर गांव में पहुंचते ही लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें थानेदार अश्विनी कुमार की जान चली गई।

Sunday, April 4, 2021

पुल‍िस अफसर की आंखों में भी आंसू आ गए -बयान करते समय

 update-04/04/2021 Time-6;00 PM

भावुक होकर रोने लगा यूपी का यह पूर्व पुलिस अधिकारी -

बयान करते समय सख्त पुल‍िस अफसर की आंखों में भी आंसू आ गए 
साल 2004 में सपा सरकार के दौरान बहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के पास से सेना की चोरी हुई एलएमजी (Light Machine Gun) बरामद  हुई थी. इस मामले में पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह ने मुख्तार के खिलाफ कार्रवाई की थी. हालांकि तब डिप्टी एसपी पर ही केस दर्ज हुए थे और उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा था. लेकिन अब योगी सरकार में शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लिए गए हैं. यह आदेश CJM कोर्ट ने दिया है. खुद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर कर यह जानकारी दी है. 
गौरतलब है कि इंडियन आर्मी के ही एक भगोड़े जवान ने सेना से लाइट मशीन गन चुराई थी और माफिया मुख्तार को बेच दी थी. जब यह मामला सामने आया, तो UP स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) के तत्कालीन डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बहुबली विधायक मुख्तार के खिलाफ POTA (The Prevention of Terrorism Act, 2002) के तहत कार्रवाई की थी. लेकिन उस समय की सरकार (समाजवादी पार्टी सरकार) ने शैलेंद्र सिंह पर दबाव बनाना शुरू किया. इस बात से गुस्साए शैलेंद्र सिंह ने डिप्टी एसपी के पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
इसके बाद सपा सरकार ने शैलेंद्र पर कई केस लगा दिए. 2017 में जब योगी सरकार आई तो शैलेंद्र सिंह पर लगे सभी केस हटाने का निर्णय लिया गया. इस फैसले को कोर्ट की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है. 
पूर्व डिप्टी सीएम ने पोस्ट कर लिखा --
CJM कोर्ट के फैसले के बाद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी फेसबुक पर शेयर कर लिखा, "2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए उस समय की सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया. जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया. लेकिन जब योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई. न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई. मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा. संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं."
कर्मचारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर शैलेंद्र सिंह गए थे जेल----
जानकारी के मुताबिक, शैलेंद्र सिंह ने जब इस्तीफा दे दिया था, उसके कुछ महीने बाद वाराणसी के कैंट थाने में डीएम ऑफिस के फोर्थ क्लास कर्मचारी ने  उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. तहरीर में कर्मचारी ने बताया था कि शैलेंद्र ने डीएम ऑफिस के रेस्टरूम में तोड़फोड़ और हंगामा किया है. ऐसे में शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. 
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