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Tuesday, July 20, 2021

कानून क्या कहता है? पोर्नोग्राफी कंटेंट देख सकते हैं? पूरी जानकारी

 DATE-20/07/2021    MONTH- JULY  FORCE-TODAY NEWS  REPORTER -SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER

कानून क्या कहता है? पोर्नोग्राफी कंटेंट देख सकते हैं? पूरी जानकारी 

 सवाल ये उठता है कि सरकार ने भारत में पोर्नेग्राफी बैन कर दी है, तो क्या इस तरह का कंटेंट देखा जा सकता है। खासकर कुछ ऐप्स या वेबसाइट की मदद से पोर्न कंटेंट डाउनलोड भी किया जा सकता है। इसे लेकर कानून क्या कहता है?

  • इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील,  ने बताया कि भारत में एडल्ट पोर्नोग्राफी और प्रॉस्टिट्यूशन (वेश्यावृत्ति) अपराध नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी अपराध है। इसे लेकर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012, (POCSO) बनाया गया है। दूसरी तरफ, एडल्ट पोर्नोग्राफी तब अपराध हो जाती है जब किसी की जरदस्ती, धोखे से, या बिना उसकी परमिशन के उसके फोटो, वीडियो या उसमें छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर दिया जाए।
  • ऐसी स्थिति में पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के किसी भी कंटेंट को अपलोड करना साइबर क्राइम का हिस्सा हो जाता है। इसमें किसी महिला की लज्जा भंग करने की वजह से IPC की धारा 509 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
  • भारत सरकार ने देश में करीब 1300 पोर्न वेबसाइट को बैन किया है, लेकिन इसके बाद भी इसे एक्सिस कर सकते हैं। कोई यूजर अपने फोन में पोर्न कंटेंट को डाउनलोड कर सकता है और उसे देखकर डिलीट कर सकता है। इसे लेकर उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन उस कंटेंट को वो किसी दूसरे व्यक्ति की मर्जी के बिना, जबरदस्ती, धोके से, या किसी ग्रुप पर शेयर करके दिखाता है, तब वो क्राइम हो जाएगा।

  • पोर्नोग्राफी विरोधी कानून

    इंटरनेट के माध्यम से पोर्नोग्राफी का व्यापार इन दिनों तेजी से बढ़ा है। यही कारण है कि पोर्नोग्राफी एक बड़ा धंधा बन गया है। पोर्नोग्राफी में फोटो, वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो जैसी चीजें आती हैं। ऐसी सामग्री को किसी और को प्रकाशित करना या भेजना पोर्नोग्राफी विरोधी कानून के अधीन आता है।

    अश्लील वीडियो बनाना अपराध है

    कानून में दूसरों के अश्लील वीडियो बनाना, एमएमएस बनाना, ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दूसरों को भेजना या किसी की इच्छा के विरुद्ध अश्लील संदेश भेजना शामिल है। पोर्नोग्राफी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रकाशित या प्रसारित करना अवैध है। अश्लील सामग्री को देखना, पढ़ना या सुनना गैरकानूनी नहीं है। लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अवैध माना जाता है।

    आईटी एक्ट और आईपीसी के तहत सजा

    इस मामले में आईटी एक्ट, 2009 की धारा 67 (ए) और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। अपराध की गंभीरता के आधार पर पहले अपराध में पांच साल तक की जेल या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, एक और अपराध के लिए कारावास को 7 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है।

    SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER 

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