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Tuesday, July 20, 2021

कानून क्या कहता है? पोर्नोग्राफी कंटेंट देख सकते हैं? पूरी जानकारी

 DATE-20/07/2021    MONTH- JULY  FORCE-TODAY NEWS  REPORTER -SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER

कानून क्या कहता है? पोर्नोग्राफी कंटेंट देख सकते हैं? पूरी जानकारी 

 सवाल ये उठता है कि सरकार ने भारत में पोर्नेग्राफी बैन कर दी है, तो क्या इस तरह का कंटेंट देखा जा सकता है। खासकर कुछ ऐप्स या वेबसाइट की मदद से पोर्न कंटेंट डाउनलोड भी किया जा सकता है। इसे लेकर कानून क्या कहता है?

  • इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील,  ने बताया कि भारत में एडल्ट पोर्नोग्राफी और प्रॉस्टिट्यूशन (वेश्यावृत्ति) अपराध नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी अपराध है। इसे लेकर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012, (POCSO) बनाया गया है। दूसरी तरफ, एडल्ट पोर्नोग्राफी तब अपराध हो जाती है जब किसी की जरदस्ती, धोखे से, या बिना उसकी परमिशन के उसके फोटो, वीडियो या उसमें छेड़छाड़ करके सोशल मीडिया या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर दिया जाए।
  • ऐसी स्थिति में पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के किसी भी कंटेंट को अपलोड करना साइबर क्राइम का हिस्सा हो जाता है। इसमें किसी महिला की लज्जा भंग करने की वजह से IPC की धारा 509 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
  • भारत सरकार ने देश में करीब 1300 पोर्न वेबसाइट को बैन किया है, लेकिन इसके बाद भी इसे एक्सिस कर सकते हैं। कोई यूजर अपने फोन में पोर्न कंटेंट को डाउनलोड कर सकता है और उसे देखकर डिलीट कर सकता है। इसे लेकर उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन उस कंटेंट को वो किसी दूसरे व्यक्ति की मर्जी के बिना, जबरदस्ती, धोके से, या किसी ग्रुप पर शेयर करके दिखाता है, तब वो क्राइम हो जाएगा।

  • पोर्नोग्राफी विरोधी कानून

    इंटरनेट के माध्यम से पोर्नोग्राफी का व्यापार इन दिनों तेजी से बढ़ा है। यही कारण है कि पोर्नोग्राफी एक बड़ा धंधा बन गया है। पोर्नोग्राफी में फोटो, वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो जैसी चीजें आती हैं। ऐसी सामग्री को किसी और को प्रकाशित करना या भेजना पोर्नोग्राफी विरोधी कानून के अधीन आता है।

    अश्लील वीडियो बनाना अपराध है

    कानून में दूसरों के अश्लील वीडियो बनाना, एमएमएस बनाना, ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दूसरों को भेजना या किसी की इच्छा के विरुद्ध अश्लील संदेश भेजना शामिल है। पोर्नोग्राफी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रकाशित या प्रसारित करना अवैध है। अश्लील सामग्री को देखना, पढ़ना या सुनना गैरकानूनी नहीं है। लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अवैध माना जाता है।

    आईटी एक्ट और आईपीसी के तहत सजा

    इस मामले में आईटी एक्ट, 2009 की धारा 67 (ए) और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। अपराध की गंभीरता के आधार पर पहले अपराध में पांच साल तक की जेल या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, एक और अपराध के लिए कारावास को 7 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है।

    SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER 

    FORCE-TODAY NEWS

     

Saturday, April 10, 2021

पुलिसवाले की ग्रामीणों ने मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी।

 UPDATED-11/04/2021 TIME-3;00 AM

पुलिसवाले कीग्रामीणों ने मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी।

बिहार के किशनगंज नगर के थानाध्यक्ष (SHO) की बंगाल में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना शनिवार सुबह करीब 3 बजे तब हुई, जब SHO बाइक चोरों को पकड़ने के लिए बिहार की सीमा से निकलकर बंगाल के इस्लामपुर इलाके में चले गए। यह इलाका किशनगंज टाउन से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर है, इसलिए पुलिस टीम को अंधेरे में दूसरे राज्य की सीमा का अंदाजा नहीं लगा, लेकिन अपराधियों ने लोगों को भड़का दिया और भीड़ ने SHO की हत्या कर दी।

अपराधियों ने यह अफवाह फैला दी कि बिहार की पुलिस बंगाल चुनाव में दखलंदाजी करने आई है। यह सुनकर लोग भड़क गए और किशनगंज पुलिस की टीम को घेर लिया। इस दौरान बाकी पुलिसकर्मी तो भागने में कामयाब रहे, लेकिन SHO अश्विनी कुमार समझाइश करने में फंस गए। लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी और पीट-पीटकर मार डाला। जिस जगह घटना हुई, वह बंगाल के गोलपोखर विधानसभा इलाके में आती है, यहां 22 अप्रैल को वोटिंग होगी। अश्वनी कुमार के शव को किशनगंज पुलिस लाइन लाया गया, जहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सलामी दी गई। 

ADG मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा है कि लूट की सूचना के आधार पर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए थाना प्रभारी अश्विनी कुमार छापेमारी के लिए निकले थे। इस दौरान पं. बंगाल के गोपांतापाड़ा गांव पहुंचे थे, जहां ग्रामीणों के साथ मिलकर अपराधियों ने हमला कर दिया। इसके बाद थाना प्रभारी अश्विनी कुमार ने अपनी टीम के सभी पुलिसकर्मियों को निकाला। खुद लोगों को समझाते रहें। इस दौरान वे पीछे रह गए। इसके बाद अज्ञात भीड़ की ओर से मारपीट की गई, जिसमें वे शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि इस कांड में 3 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस केस के संबंध में बिहार के DGP एस के सिंघल ने पं. बंगाल के DGP से बातचीत की है। उनसे तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ADG ने कहा कि शहीद थाना प्रभारी की बहादुरी पर पुलिस विभाग को गर्व है। उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। अपराधियों को दंड दिलाने में पं. बंगाल पुलिस की पूरी मदद करेंगे और केस को फॉलो करते रहेंगे।

मुख्य आरोपी समेत 2 गिरफ्तार
मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पूर्णिया के IG सुरेश प्रसाद और किशनगंज के SP कुमार आशीष बंगाल के इस्लामपुर पहुंच गए और अश्विनी कुमार के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद किशनगंज भेज दिया। पूर्णिया के IG सुरेश प्रसाद ने बताया कि गोपांतापाड़ा गांव में मॉब लिंचिंग की घटना हुई है। बंगाल पुलिस की मदद से छापेमारी की जा रही है। इधर, पटना में पुलिस मुख्यालय के अनुसार इस मामले में एक महिला समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें फिरोज आलम, अबुजार आलम और सहीनूर खातून शामिल हैं।

एक साल पहले आए थे किशनगंज

अश्विनी कुमार पूर्णिया जिले के जानकी नगर थाना इलाके के आजाद चौक स्थित पंचू टोला के रहने वाले थे। एक साल पहले ही उनका ट्रांसफर किशनगंज टाउन थाना में किया गया था। SP कुमार आशीष ने क्राइम मीटिंग के दौरान जिले के सभी थानाध्यक्षों को चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के निर्देश दिए थे। साथ ही नोटिस भी जारी किया था। शुक्रवार को SP ने वारंटियों की गिरफ्तारी करने का टास्क भी अश्विनी कुमार को दिया था।

SP  ने कहा कि थानेदार अपनी टीम के साथ गए थे। वहां अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने मॉब लिंचिंग कर हत्या कर दी। घटनास्थल पर जांच की जा रही है। गुरुवार रात को किशनगंज में लूट की घटना हुई थी। इसी में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए टाउन थाने की टीम बंगाल गई थी।

बंगाल पुलिस पर भी आरोप

बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने कहा कि बंगाल में कानून कैद है। वहां पुलिस-वर्दी का कोई वजूद नहीं है। सिंह ने बंगाल की लोकल पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां के लोकल थाना प्रभारी ने OD ऑफिसर को साथ जाने की बात कही थी। OD ऑफिसर ने पहले किशनगंज पुलिस टीम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आप बढ़िए, हम आते हैं। उधर गांव में पहुंचते ही लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें थानेदार अश्विनी कुमार की जान चली गई।

Sunday, April 4, 2021

पुल‍िस अफसर की आंखों में भी आंसू आ गए -बयान करते समय

 update-04/04/2021 Time-6;00 PM

भावुक होकर रोने लगा यूपी का यह पूर्व पुलिस अधिकारी -

बयान करते समय सख्त पुल‍िस अफसर की आंखों में भी आंसू आ गए 
साल 2004 में सपा सरकार के दौरान बहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के पास से सेना की चोरी हुई एलएमजी (Light Machine Gun) बरामद  हुई थी. इस मामले में पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह ने मुख्तार के खिलाफ कार्रवाई की थी. हालांकि तब डिप्टी एसपी पर ही केस दर्ज हुए थे और उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा था. लेकिन अब योगी सरकार में शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लिए गए हैं. यह आदेश CJM कोर्ट ने दिया है. खुद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर कर यह जानकारी दी है. 
गौरतलब है कि इंडियन आर्मी के ही एक भगोड़े जवान ने सेना से लाइट मशीन गन चुराई थी और माफिया मुख्तार को बेच दी थी. जब यह मामला सामने आया, तो UP स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) के तत्कालीन डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बहुबली विधायक मुख्तार के खिलाफ POTA (The Prevention of Terrorism Act, 2002) के तहत कार्रवाई की थी. लेकिन उस समय की सरकार (समाजवादी पार्टी सरकार) ने शैलेंद्र सिंह पर दबाव बनाना शुरू किया. इस बात से गुस्साए शैलेंद्र सिंह ने डिप्टी एसपी के पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
इसके बाद सपा सरकार ने शैलेंद्र पर कई केस लगा दिए. 2017 में जब योगी सरकार आई तो शैलेंद्र सिंह पर लगे सभी केस हटाने का निर्णय लिया गया. इस फैसले को कोर्ट की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है. 
पूर्व डिप्टी सीएम ने पोस्ट कर लिखा --
CJM कोर्ट के फैसले के बाद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी फेसबुक पर शेयर कर लिखा, "2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए उस समय की सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया. जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया. लेकिन जब योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई. न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई. मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा. संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं."
कर्मचारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर शैलेंद्र सिंह गए थे जेल----
जानकारी के मुताबिक, शैलेंद्र सिंह ने जब इस्तीफा दे दिया था, उसके कुछ महीने बाद वाराणसी के कैंट थाने में डीएम ऑफिस के फोर्थ क्लास कर्मचारी ने  उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. तहरीर में कर्मचारी ने बताया था कि शैलेंद्र ने डीएम ऑफिस के रेस्टरूम में तोड़फोड़ और हंगामा किया है. ऐसे में शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. 
FORCE TODAY NEWS 

Tuesday, December 1, 2020

असली सिंघम:लुटेरी गैंग को पकड़ने मौत से भिड़ गया जवान,2-पर्स में रखे मोबाइल को ट्रैक पर डाला, 3-अफीम बरामद नैनीताल


लुटेरी गैंग को पकड़ने मौत से भिड़ गया जवान, 25 किमी तक फुल स्पीड में भाग रही पिकअप वैन --


\गुजरात के सूरत शहर में सड़क पर एक लुटेरी गैंग को पकड़ने के लिए एक पुलिस जवान गणेश चौधरी ने अपनी जान दांव पर लगा दी। पुलिस की नाकेबंदी देखकर जब आरोपी भागने लगे तो गणेश उनकी चलती पिकअप पर कूद गया, लेकिन आरोपियों ने पिकअप नहीं रोकी। इस तरह जवान वैन के बोनट पर करीब 25 किमी तक लटका रहा। इसके बाद वाहन चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया तो गणेश चौधरी वहीं नीचे गिर गए और आरोपी वहां से फरार हो गए।

नाकेबंदी कर रोकने को कोशिश की
नवसारी शहर पुलिस की ओर से त्योहार को लेकर सघन पेट्रोलिंग अभियान चलाया जा रहा था। नवसारी टाउन पुलिस के जवान रेलवे स्टेशन क्षेत्र में ड्यूटी पर उपस्थित थे। उस दौरान महिंद्रा पिकअप नंबर gj5 वाई-वाई 1480 नंबर की गाड़ी पर शक होने के कारण पुलिस के जवानों ने उसे रोककर गाड़ी के कागज मांगे। लेकिन गाड़ी चलाने वाले ने गाड़ी भगा दी। इस दौरान पुलिस कांस्टेबल किशन घोरिया और गणेश चौधरी ने रास्ते पर नाकेबंदी कर रखी थी।

चलती पिकअप पर ही कूद गया जवान
नाकाबंदी देखकर वाहन चालक ने गति और तेज कर दी। यह देखते हुए लोक रक्षक दल का जवान गणेश चौधरी गाड़ी के ऊपर बोनट पर कूद गया और वाहन चालक को रोकने की कोशिश की। लेकिन, चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और बोनट पर चढ़े पुलिस जवान को उसी स्थिति में पलसाना तक यानी की करीब 25 किमी तक लेकर गया। आगे जाकर बलेश्वर गांव के पास वाहन चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया तो गणेश चौधरी वहीं नीचे गिर गए और वाहन चालक वहां से फरार हो गए। इस दौरान पुलिस की एक पीसीआर वैन इसका पीछा कर रही थी। गणेश चौधरी को जख्मी हालत में देखकर पुलिस की वैन रुकी और गणेश चौधरी को अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की है।

लुटेरी गैंग के गुर्गे थे पिकअप में सवार
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिकअप में शीकलीगर गैंग के गुर्गे सवार थे, जो अब तक कई लूट की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पिकअप में बैठे दो लोगों को पुलिस जवान पहचान गए थे और इसीलिए उन्हें पकड़ने की कोशिश की गई। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।


पर्स में रखे मोबाइल को ट्रैक पर डाला, 6 किमी दूर लुटेरे तक पहुंची पुलिस,



चब्बेवाल पुलिस साइबर तकनीक की मदद से करीब डेढ़ घंटे में 6 किमी दूर पर्स छीनकर भागे बाइक लुटेरे तक पहुंची और पर्स बरामद कर लिया। हालांकि लुटेरा फरार हो गया। जानकारी के अनुसार होशियारपुर-चंडीगढ़ रोड पर मंगलवार देर शाम एक बाइक लुटेरे ने एक्टिवा से जा रही मां-बेटी सतविंदर कौर और गुरजीत कौर निवासी गांव ताजेवाल को धक्का देकर गिरा दिया और पर्स छीन फरार हो गया। पर्स में पासपोर्ट, विदेशी कागजात समेत बैंक की कॉपियां, दो एटीएम कार्ड, दो महंगे मोबाइल समेत जरूरी कागज थे।

इसके बाद दोनों मां-बेटी थाना चब्बेवाल पहुंचीं और सारी बात बताई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसी समय दोनों मां-बेटी के फोन ट्रैक पर लगा दिए। लोकेशन ट्रेस होते ही एएसआई सुरजीत सिंह रवाना हो गए। गांव छोटा जटपुर के पास उक्त युवक सड़क किनारे अपनी बाइक पर बैठकर कोई नशा ले रहा था। पुलिस पार्टी को देखकर वह पर्स खेत में फेंककर फरार हो गया। पुलिस ने मां-बेटी काे पर्स लौटा दिया।

मां-बेटी ने की चब्बेवाल पुलिस की प्रशंसा
गांव ताजेवाल की सतविंदर कौर और गुरजीत कौर ने बताया कि वह दोनों होशियारपुर से गांव जा रही थीं, तभी सारा वाक्या पेश आया। सतविंदर कौर ने थाना चब्बेवाल पुलिस की कार्रवाई की प्रशंसा कर धन्यवाद किया। एएसआई सुरजीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने सतविंदर कौर के बयानों पर अज्ञात युवक खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

अफीम बरामद:बीवी संग मिलकर ऑटो मैकेनिक नैनीताल से करता था अफीम की तस्करी, बड़े भाई की मदद से बेच देता था-----

नैनीताल से बीवी संग अफीम की तस्करी करने वाले ऑटो इलेक्ट्रीशियन, उसकी पत्नी और बड़े भाई को पुलिस ने पकड़ा है। इनसे 2 किलो अफीम मिली है। पुलिस गुरदासपुर के गांव घोड़ावाहा के रहने वाले ऑटो मैकेनिक सुखबीर सिंह, उसकी पत्नी सुखविंदर कौर और बड़े भाई जसवीर सिंह को मंगलवार को अदालत में पेश करके रिमांड पर लेगी। इनका कोरोना टेस्ट भी करवाया जाएगा। थाना भोगपुर में इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा-18 के तहत केस दर्ज किया गया है। डीएसपी दविंदर कुमार अत्री ने बताया कि आरोपियों को पठानकोट रोड पर जालंधर की तरफ आते गिरफ्तार किया गया है।

एक साल से तस्करी- किलो के पीछे कमाते थे 40 हजार रुपए

प्राथमिक पूछताछ में यह बात सामने आई कि सुखबीर सिंह नैनीताल में किराये के मकान पर रह रहा है अौर ऑटो मैकेनिक है। करीब एक साल पहले उसके तार वहां के एक अफीम तस्कर से जुड़े गए थे। वह उनसे 80 हजार रुपए किलो के हिसाब से अफीम खरीदता था और 1.20 लाख रुपए में आगे बेच देता था। सुखबीर के इस काम में उसकी मदद पत्नी और बड़ा भाई जसवीर करते थे।

जांच में यह बात सामने आई कि पति-पत्नी हर महीने 2 किलो अफीम लेकर आते थे। वे बस में ही आते थे और जसवीर उन्हें लेने के लिए जालंधर आ जाता था। पुलिस उन पर शक न करे, इसलिए गुरदासपुर आने से पहले शॉपिंग कर सामान गाड़ी में रख लेते थे। सोमवार को भी सुखबीर अपनी पत्नी संग बस में 2 किलो अफीम लेकर आया था। वह बस अड्डे पर उतर गए थे।

यहां से जसवीर उन्हें गाड़ी में लेने अा गया था। जसवीर ने माना कि वह पहले ट्रक चलाता था। फिर खेती शुरू कर दी। जसवीर ने माना कि सुखबीर उसे अफीम लाकर देता था और वह आगे बेच देता था। पुलिस पता लगा रही है कि आरोपी किन लोगों को अफीम बेच रहे थे।



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Saturday, November 14, 2020

भिखारी को देख DSP ने गाड़ी रोकी तो निकला


कई बार खुद के किस्मत पर भी यकीन नहीं होता...यकीन नहीं होता अपनी तकदीर पर...गुमनाम किसी अंधेरे में रह कर भी, खुशी की तलाश करती है किस्मत...मुक्कदर में कुछ और, जिंदगी कुछ और कहानी कहती है| कई बार ऐसा होता है जिसे देखकर खुद पर भी भरोसा नहीं होता है| ऐसी ही एक कहानी है मध्य प्रदेश के ग्वालियर से....

Saturday, September 26, 2020

महत्वपूर्ण जानकारी भारतीय पोलिस के नियम- पुलिस इंस्पेक्टर कैसे बनते हैं


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भारतीय पुलिस विभाग के नियम और आधार को पूरा करने के लिए कैसे-पूर्ण विवरण एसीपी / डीएसपी / डीसीपी / आईजी / एसएसपी / डीजीपी और सभी
HOW TO RECOGNIZE THE RANK AND BADGE OF INDIAN POLICE- Full Details ACP/DSP/ DCP/IG/SSP/DGP AND ALL

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Saturday, September 5, 2020

भारतीय पुलिस- असली सुपरहीरो हैं

 भारतीय पुलिस सेवा एक नौकरी है जैसे कोई और नहीं। आपको लगातार अपने पैर की उंगलियों पर होना चाहिए, अपराधियों से लड़ने के लिए तैयार है और यदि आवश्यक हो, तो किसी भी क्षण अपने जीवन को छोड़ दें। ये असली सुपरहीरो हैं। यहां 3 बहादुर दिल हैं जिनके बारे में बात करने लायक है। जबकि उनमें से कुछ ने हमारे लिए लड़ते हुए अपनी जान दे दी, दूसरों ने देश को रहने के लिए एक बेहतर और सुरक्षित जगह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी

Shivdeep Waman Lande

Shivdeep Lande Age, Caste, Height, Weight, Wife, Children, Family,  Biography & More » StarsUnfolded

यह कहानी बॉलीवुड के एक एक्शन फ्लिक से सही है! एक समय था जब पटना गुंडों के शहर के रूप में बदनाम था, लेकिन जब तक एसपी लांडे ने पदभार नहीं संभाला। यह वन-मैन सेना शायद चुलबुल पांडे के लिए प्रेरणा थी क्योंकि एक बार जब वह सत्ता में आए, तो शहर में अपराध दर में सुधार हुआ। एसपी के रूप में केवल 10 महीनों में, उन्होंने न केवल दवा माफिया, अवैध शराब की दुकानों पर अंकुश लगाया और सख्त यातायात कानून लागू किए, बल्कि अपनी भक्ति और निस्वार्थ सेवा के साथ दिल जीत लिया। इससे ज्यादा और क्या? वह महिलाओं के साथ कुल हिट थी और शहर की सभी लड़कियों के लिए एक बड़े भाई की तरह थी। उसने उन सभी को अपना मोबाइल नंबर दिया, ताकि वे जरूरत के समय में उसे सीधे फोन कर सकें। एक सच्चे नायक, लांडे!



मोहन चंद शर्मा---


बटला हाउस एनकाउंटर: 12 साल बाद शहीद मोहन चंद शर्मा को गैलेंटरी अवॉर्ड –  Legend News

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मोहन शर्मा ने एक अविश्वसनीय 35 आतंकवादियों को मार डाला और एक अन्य 80 की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार था। लेकिन वह 2008 में बटला मुठभेड़ के दौरान टीम का नेतृत्व करने के लिए सबसे प्रसिद्ध है। 41 वर्षीय दुर्भाग्य से दिल्ली में एक भीषण बंदूक लड़ाई में गोली लगने से घायल हो गया। जिस तरह से उन्होंने अपने करियर में काम किया, उसी तरह उन्होंने भारी हथियारबंद आतंकवादियों को बेरहमी से तब तक मौत के घाट उतारा, जब तक कि उनका दम नहीं उड़ गया। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया क्योंकि दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे, और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था!



अजीत कुमार डोभाल


Ajit Kumar Doval

डोभाल को बहुत अच्छी तरह से भारत का शर्लक होम्स कहा जा सकता है। एक आईपीएस अधिकारी जो इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक बन गए, वे अब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। 3 दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने कई मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है और वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी भी बने, जो केवल सेना के लिए आरक्षित था।


वह 7 लंबे समय तक पाकिस्तान में एक अंडरकवर एजेंट था और देश को महत्वपूर्ण जानकारी देता था। इतना ही नहीं, 1980 के दशक के दौरान, जब अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर खालिस्तानी आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया था, तो डोभाल ने खुद को आईएसआई एजेंट के रूप में प्रच्छन्न किया था, जो 'सरकार के खिलाफ लड़ाई में आतंकवादियों की मदद करने' के लिए आए थे, और सेना के लिए महत्वपूर्ण जानकारी से गुज़रे ।



Monday, August 24, 2020

करप्शन बिलकुल ख़तम ऐसे पुलिस वाले अगर सभी जगह हो


करप्शन बिलकुल ख़तम ऐसे पुलिस वाले अगर सभी जगह हो== FORCE-TODAY NEWS

Mast pic in 2020 | Police outfit, Military women, Female police ...

Wednesday, August 19, 2020

SALUTE-THIS VIDEO- [ FORCE TODAY NEWS ]

 


Saluting Indian Police Woman Stock Photo - Download Image Now - iStock

Friday, August 14, 2020

दारोगा को गरीब का ठेले पलटना पड़ा भारी,


उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक दारोगा द्वारा फल विक्रेता से बुरे बर्ताव का मामला सामने आया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. अब इस पूरे मामले में कार्रवाई हुई. आरोपी दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है

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