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Saturday, September 26, 2020

महत्वपूर्ण जानकारी भारतीय पोलिस के नियम- पुलिस इंस्पेक्टर कैसे बनते हैं


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भारतीय पुलिस विभाग के नियम और आधार को पूरा करने के लिए कैसे-पूर्ण विवरण एसीपी / डीएसपी / डीसीपी / आईजी / एसएसपी / डीजीपी और सभी
HOW TO RECOGNIZE THE RANK AND BADGE OF INDIAN POLICE- Full Details ACP/DSP/ DCP/IG/SSP/DGP AND ALL

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Saturday, September 5, 2020

भारतीय पुलिस- असली सुपरहीरो हैं

 भारतीय पुलिस सेवा एक नौकरी है जैसे कोई और नहीं। आपको लगातार अपने पैर की उंगलियों पर होना चाहिए, अपराधियों से लड़ने के लिए तैयार है और यदि आवश्यक हो, तो किसी भी क्षण अपने जीवन को छोड़ दें। ये असली सुपरहीरो हैं। यहां 3 बहादुर दिल हैं जिनके बारे में बात करने लायक है। जबकि उनमें से कुछ ने हमारे लिए लड़ते हुए अपनी जान दे दी, दूसरों ने देश को रहने के लिए एक बेहतर और सुरक्षित जगह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी

Shivdeep Waman Lande

Shivdeep Lande Age, Caste, Height, Weight, Wife, Children, Family,  Biography & More » StarsUnfolded

यह कहानी बॉलीवुड के एक एक्शन फ्लिक से सही है! एक समय था जब पटना गुंडों के शहर के रूप में बदनाम था, लेकिन जब तक एसपी लांडे ने पदभार नहीं संभाला। यह वन-मैन सेना शायद चुलबुल पांडे के लिए प्रेरणा थी क्योंकि एक बार जब वह सत्ता में आए, तो शहर में अपराध दर में सुधार हुआ। एसपी के रूप में केवल 10 महीनों में, उन्होंने न केवल दवा माफिया, अवैध शराब की दुकानों पर अंकुश लगाया और सख्त यातायात कानून लागू किए, बल्कि अपनी भक्ति और निस्वार्थ सेवा के साथ दिल जीत लिया। इससे ज्यादा और क्या? वह महिलाओं के साथ कुल हिट थी और शहर की सभी लड़कियों के लिए एक बड़े भाई की तरह थी। उसने उन सभी को अपना मोबाइल नंबर दिया, ताकि वे जरूरत के समय में उसे सीधे फोन कर सकें। एक सच्चे नायक, लांडे!



मोहन चंद शर्मा---


बटला हाउस एनकाउंटर: 12 साल बाद शहीद मोहन चंद शर्मा को गैलेंटरी अवॉर्ड –  Legend News

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मोहन शर्मा ने एक अविश्वसनीय 35 आतंकवादियों को मार डाला और एक अन्य 80 की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार था। लेकिन वह 2008 में बटला मुठभेड़ के दौरान टीम का नेतृत्व करने के लिए सबसे प्रसिद्ध है। 41 वर्षीय दुर्भाग्य से दिल्ली में एक भीषण बंदूक लड़ाई में गोली लगने से घायल हो गया। जिस तरह से उन्होंने अपने करियर में काम किया, उसी तरह उन्होंने भारी हथियारबंद आतंकवादियों को बेरहमी से तब तक मौत के घाट उतारा, जब तक कि उनका दम नहीं उड़ गया। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया क्योंकि दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे, और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था!



अजीत कुमार डोभाल


Ajit Kumar Doval

डोभाल को बहुत अच्छी तरह से भारत का शर्लक होम्स कहा जा सकता है। एक आईपीएस अधिकारी जो इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक बन गए, वे अब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। 3 दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने कई मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है और वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी भी बने, जो केवल सेना के लिए आरक्षित था।


वह 7 लंबे समय तक पाकिस्तान में एक अंडरकवर एजेंट था और देश को महत्वपूर्ण जानकारी देता था। इतना ही नहीं, 1980 के दशक के दौरान, जब अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर खालिस्तानी आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया था, तो डोभाल ने खुद को आईएसआई एजेंट के रूप में प्रच्छन्न किया था, जो 'सरकार के खिलाफ लड़ाई में आतंकवादियों की मदद करने' के लिए आए थे, और सेना के लिए महत्वपूर्ण जानकारी से गुज़रे ।



Monday, August 24, 2020

करप्शन बिलकुल ख़तम ऐसे पुलिस वाले अगर सभी जगह हो


करप्शन बिलकुल ख़तम ऐसे पुलिस वाले अगर सभी जगह हो== FORCE-TODAY NEWS

Mast pic in 2020 | Police outfit, Military women, Female police ...

Wednesday, August 19, 2020

SALUTE-THIS VIDEO- [ FORCE TODAY NEWS ]

 


Saluting Indian Police Woman Stock Photo - Download Image Now - iStock

Friday, August 14, 2020

दारोगा को गरीब का ठेले पलटना पड़ा भारी,


उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक दारोगा द्वारा फल विक्रेता से बुरे बर्ताव का मामला सामने आया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. अब इस पूरे मामले में कार्रवाई हुई. आरोपी दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है

Up Police Constable Result 2020 For More Information Read Here ...

Friday, July 31, 2020

BREAKING-मुंबई पुलिस का बिहार पुलिस के साथ ‘कैदियों’ जैसा बर्ताव? |


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force-today is uttarakhand most trusted Hindi News Channel with 24 hour coverage

How shameful': Twitterati fume over Bihar police traveling by auto ...

Tuesday, July 28, 2020

26/11: कसाब AK-47 रायफल से गोलियां बरसा रहा था..brave-सब-इंस्‍पेक्‍टर तुकाराम ओंबाले

Kasab was to die as Hindu with sacred red thread around wrist': Ex ...

भारत में हुए सबसे भीषण आतंकी हमले के 26 नवंबर . 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले में 

10 पाकिस्‍तानी आतंकियों ने मुंबई में कहर बरपाया था. इसमें से एक आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया. उसे पकड़ने में अहम भूमिका महाराष्‍ट्र पुलिस के असिस्‍टेंट सब-इंस्‍पेक्‍टर तुकाराम ओंबाले ने निभाई थी.

उस घटना से महज पांच दिन पहले पुलिस इंस्‍पेक्‍टर संजय गोविलकर की पोस्टिंग मुंबई के डीबी मार्ग पुलिस स्‍टेशन में हुई थी. उन्‍होंने उस खौफनाक रात को याद करते हुए 'द वीक' मैगजीन को बताया, ''उस रात करीब साढ़े बारह बजे जब हमने देखा कि एक कार ने डिवाइडर को टक्‍कर मार दी. हमने दो पुलिस टीमें बनाईं और उस तरफ बढ़े. एक टीम में मैं, तुकाराम ओंबाले और अन्‍य साथी थे, दूसरी टीम में भास्‍कर कदम, हेमंत बौधंकर और अन्‍य लोग थे. भास्‍कर कदम ने बेहतरीन शॉट लगाया. गोली सीधे ड्राइविंग सीट पर बैठे एक आतंकी को लगी और वह ढेर हो गया.''

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा, ''मैं और तुकाराम ओंबाले, कसाब की तरफ लपके. कसाब ने अपने पैरों के पीछे AK-47 छिपा रखी थी. उसने तत्‍काल उसे निकालते हुए फायरिंग शुरू कर दी. ओंबाले ने सामने से उसकी गोलियों को झेलते हुए उसे पकड़ लिया और तब तक नहीं छोड़ा जब तक कि हम लोगों ने उसे पकड़ नहीं लिया. मैंने तुकाराम जैसी वीरता और साहस कभी नहीं देखा.'' तुकाराम ने कसाब की एके-47 रायफल की नली पकड़ ली थी. वह फायरिंग करता रहा लेकिन उन्‍होंने उसको नहीं छोड़ा.

संजय गोविलकर ने ये भी कहा कि साथी हेमंत तो कसाब को गोली मारने ही वाले थे कि अचानक बिजली की तरह दिमाग में विचार कौंधा और उनको ट्रिगर नहीं दबाने के लिए कहा. इस तरह कसाब को जिंदा पकड़ा गया. उसको चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई. संजय गोविलकर (49) पुलिसकर्मियों के जीवन पर अब तक पांच किताबें लिख चुके हैं.

तुकाराम ओंबाले
महाबलेश्‍वर के रहने वाले तुकाराम ओंबाले को असाधारण साहस दिखाने के लिए मरणोपरांत अशोक च्रक से नवाजा गया. तुकाराम के परिवार में पत्‍नी और चार बेटियां-पवित्रा, वंदना, वैशाली और भारती हैं. उनकी शहादत के बाद परिवार ने यह कहते हुए किसी भी तरह की वित्‍तीय सहायता लेने से इनकार कर दिया कि उनकी पेंशन और जमा-पूंजी पर्याप्‍त है. उनकी एक बेटी वैशाली घर में बच्‍चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं. दूसरी बेटी भारती सेल्‍स टैक्‍स में क्‍लास वन ऑफिसर हैं. पवित्रा ब्‍यूटी सैलून चलाती हैं और वंदना होममेकर हैं.

वैशाली ने उस घटना को याद करते हुए 'द वीक' से कहा, ''मुझे याद है कि उस रात साढ़े बारह बजे के आस-पास कसाब से उनकी मुठभेड़ से चंद मिनट पहले मेरी उनसे बात हुई थी...उन्‍होंने उस वक्‍त कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है और हम लोगों को ऐहतियात बरतने की सलाह दी थी.'' वैशाली ने यह भी कहा कि वह बहुत बहादुर आदमी थे. उनके अंदर डर नाम की कोई चीज नहीं थी. वह हमेशा कहते थे कि हमेशा भयमुक्‍त रहो. बाहर निकलने से मत डरो. इस वजह से कभी घर में मत बैठो कि बाहर जाने से डर लगता है.

वैशाली ने बताया कि यदि वह आज जिंदा होते तो रिटायर होने के बाद महाबलेश्‍वर में कमजोर तबके के बच्‍चों को शिक्षा देते. हम शहीद तुकाराम ओंबाले चैरिटेबल ट्रस्‍ट के माध्‍यम से उनके सपने को पूरा करना चाहते हैं. परिवार द्वारा किसी भी तरह की वित्‍तीय मदद से इनकार के मुद्दे पर बोलते हुए वैशाली ने कहा कि ये रकम उनको दी जानी चाहिए जिनको इसकी वास्‍तव में जरूरत है

Kasab execution unlikely to impact India-Pakistan peace process ...


अजमल कसाब के अंतिम अल्‍फाज थे- 'आप जीत गए, मैं हार गया'

पाकिस्‍तान से आए 10 आतंकियों ने उस हमले को अंजाम दिया था. उनमें से एक अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया था. बाद में उसको फांसी दे दी गई. लश्‍कर-ए-तैयबा के आतंकी अजमल आमिर कसाब से जिस सीनियर पुलिस इंस्‍पेक्‍टर रमेश महाले ने सबसे पहले पूछताछ की थी, उनसे अपने अंतिम समय में कसाब ने कहा था, ''आप जीत गए, मैं हार गया.'' भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत 80 मामलों में दोषी ठहराए गए कसाब ने अपनी फांसी से एक दिन पहले यह बात रमेश महाले से की थी.

जब कसाब पकड़ा गया...
26 नवंबर, 2008 को जब कसाब पकड़ा गया तो सबसे पहले जिन पुलिस ऑफिसर्स ने कसाब से पूछताछ की थी, उनमें महाले भी शामिल थे. महाले 26/11 आतंकी हमले के मुख्‍य जांच अधिकारी थे और 2008 में मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 1 के मुखिया थे. कसाब क्राइम ब्रांच की कस्‍टडी में 81 दिन रहा था. उसके बाद उसे आर्थर रोड जेल में शिफ्ट किया गया था.

Vulnerable India: Ajmal Kasab may have been hanged but the country ...

Wednesday, July 22, 2020

FORCE-TODAY VOLUNTEER APPLY

 Young boy standing with crossed hands outdoors. Volunteer concept ...

FORCE-TODAY VOLUNTEER FREE SMACK INDIA 


https://forms.gle/HTCwEoF85fxuVdPX6



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Friday, July 17, 2020

Karachi Stock Exchange Attack: Terrorists attack Pakistan ...


At least five security personnel were killed when a group of militants attacked the Pakistan Stock Exchange in Karachi on Monday. Police said all four of the militants had been killed. ... "Strongly condemn the attack on PSX aimed at tarnishing our relentless war on terror.Jun 29, 2020

विकास पर रखा 5 लाख का इनाम किसे?

विकास दुबे को गिरफ्तारी पर रखा गया 5 लाख का इनाम किसे दिया जाए? यूपी पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस को चिट्‌ठी लिखकर यह सवाल पूछा है। दरअसल, कानपुर शूटआउट में 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर विकास उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तार किया गया था। इसी वजह से यूपी पुलिस ने एमपी पुलिस से सवाल पूछा है। 

यूपी एसटीएफ को सौंपे जाने तक का ब्योरा देगी एमपी पुलिस

कुछ लोग सामने आए थे, जिनकी निशानदेही पर विकास को गिरफ्तार किया गया था। अब उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने मामला सुलझाने के लिए 3 मेंबर वाली कमेटी गठित की है। यूपी पुलिस जानना चाहती है कि किसकी निशानदेही पर गिरफ्तारी हुई, इसमें कौन पुलिसवाले शामिल थे। उज्जैन पुलिस की कमेटी इस पर 3 दिन में रिपोर्ट देगी कि विकास को पहले किसने देखा और उसे किसने पकड़ा। रिपोर्ट में विकास को यूपी एसटीएफ को सौंपे जाने तक का ब्योरा होगा।

9 जुलाई को हुआ था गिरफ्तार

गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी 9 जुलाई को सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से हुई थी। गिरफ्तारी के बाद एसपी मनोज सिंह ने कहा था कि वह राजस्थान के झालावाड़ से सुबह से 3.58 बजे उज्जैन के देवासगेट बस स्टैंड पर पहुंचा था। वहां से ऑटो में बैठ कर रामघाट पर शिप्रा नदी में स्नान के लिए गया था। उसके बाद वह 7.45 बजे महाकाल मंदिर में पहुंचा था। यहां उसे पहली बार फूल की दुकान चलाने वाले ने देखा था। फिर मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसे गिरफ्तार किया था।

आठ पुलिसवालों का हत्यारा उज्जैन में पकड़ा गया था

कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसवालों की शूटआउट में हत्या के बाद फरार हुआ विकास दुबे गुरुवार को नाटकीय तरीके से पुलिस की गिरफ्त में आ गया। एक दिन पहले ही यह खबरें आई थीं कि वह फरीदाबाद के एक होटल में कमरा लेकर रुका था। इसके सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे, लेकिन इसके बाद गुरुवार सुबह वह उज्जैन पहुंचा और सरेंडर के इरादे से ही वह महाकाल मंदिर में गया। उज्जैन पुलिस के सूत्रों ने भास्कर को बताया कि विकास दुबे यूपी पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए उज्जैन पहुंचा था।


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