लुटेरी गैंग को पकड़ने मौत से भिड़ गया जवान, 25 किमी तक फुल स्पीड में भाग रही पिकअप वैन --
\गुजरात के सूरत शहर में सड़क पर एक लुटेरी गैंग को पकड़ने के लिए एक पुलिस जवान गणेश चौधरी ने अपनी जान दांव पर लगा दी। पुलिस की नाकेबंदी देखकर जब आरोपी भागने लगे तो गणेश उनकी चलती पिकअप पर कूद गया, लेकिन आरोपियों ने पिकअप नहीं रोकी। इस तरह जवान वैन के बोनट पर करीब 25 किमी तक लटका रहा। इसके बाद वाहन चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया तो गणेश चौधरी वहीं नीचे गिर गए और आरोपी वहां से फरार हो गए।
नाकेबंदी कर रोकने को कोशिश की
नवसारी शहर पुलिस की ओर से त्योहार को लेकर सघन पेट्रोलिंग अभियान चलाया जा रहा था। नवसारी टाउन पुलिस के जवान रेलवे स्टेशन क्षेत्र में ड्यूटी पर उपस्थित थे। उस दौरान महिंद्रा पिकअप नंबर gj5 वाई-वाई 1480 नंबर की गाड़ी पर शक होने के कारण पुलिस के जवानों ने उसे रोककर गाड़ी के कागज मांगे। लेकिन गाड़ी चलाने वाले ने गाड़ी भगा दी। इस दौरान पुलिस कांस्टेबल किशन घोरिया और गणेश चौधरी ने रास्ते पर नाकेबंदी कर रखी थी।
चलती पिकअप पर ही कूद गया जवान
नाकाबंदी देखकर वाहन चालक ने गति और तेज कर दी। यह देखते हुए लोक रक्षक दल का जवान गणेश चौधरी गाड़ी के ऊपर बोनट पर कूद गया और वाहन चालक को रोकने की कोशिश की। लेकिन, चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और बोनट पर चढ़े पुलिस जवान को उसी स्थिति में पलसाना तक यानी की करीब 25 किमी तक लेकर गया। आगे जाकर बलेश्वर गांव के पास वाहन चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया तो गणेश चौधरी वहीं नीचे गिर गए और वाहन चालक वहां से फरार हो गए। इस दौरान पुलिस की एक पीसीआर वैन इसका पीछा कर रही थी। गणेश चौधरी को जख्मी हालत में देखकर पुलिस की वैन रुकी और गणेश चौधरी को अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की है।
लुटेरी गैंग के गुर्गे थे पिकअप में सवार
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिकअप में शीकलीगर गैंग के गुर्गे सवार थे, जो अब तक कई लूट की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पिकअप में बैठे दो लोगों को पुलिस जवान पहचान गए थे और इसीलिए उन्हें पकड़ने की कोशिश की गई। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
पर्स में रखे मोबाइल को ट्रैक पर डाला, 6 किमी दूर लुटेरे तक पहुंची पुलिस,
चब्बेवाल पुलिस साइबर तकनीक की मदद से करीब डेढ़ घंटे में 6 किमी दूर पर्स छीनकर भागे बाइक लुटेरे तक पहुंची और पर्स बरामद कर लिया। हालांकि लुटेरा फरार हो गया। जानकारी के अनुसार होशियारपुर-चंडीगढ़ रोड पर मंगलवार देर शाम एक बाइक लुटेरे ने एक्टिवा से जा रही मां-बेटी सतविंदर कौर और गुरजीत कौर निवासी गांव ताजेवाल को धक्का देकर गिरा दिया और पर्स छीन फरार हो गया। पर्स में पासपोर्ट, विदेशी कागजात समेत बैंक की कॉपियां, दो एटीएम कार्ड, दो महंगे मोबाइल समेत जरूरी कागज थे।
इसके बाद दोनों मां-बेटी थाना चब्बेवाल पहुंचीं और सारी बात बताई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसी समय दोनों मां-बेटी के फोन ट्रैक पर लगा दिए। लोकेशन ट्रेस होते ही एएसआई सुरजीत सिंह रवाना हो गए। गांव छोटा जटपुर के पास उक्त युवक सड़क किनारे अपनी बाइक पर बैठकर कोई नशा ले रहा था। पुलिस पार्टी को देखकर वह पर्स खेत में फेंककर फरार हो गया। पुलिस ने मां-बेटी काे पर्स लौटा दिया।
मां-बेटी ने की चब्बेवाल पुलिस की प्रशंसा
गांव ताजेवाल की सतविंदर कौर और गुरजीत कौर ने बताया कि वह दोनों होशियारपुर से गांव जा रही थीं, तभी सारा वाक्या पेश आया। सतविंदर कौर ने थाना चब्बेवाल पुलिस की कार्रवाई की प्रशंसा कर धन्यवाद किया। एएसआई सुरजीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने सतविंदर कौर के बयानों पर अज्ञात युवक खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
अफीम बरामद:बीवी संग मिलकर ऑटो मैकेनिक नैनीताल से करता था अफीम की तस्करी, बड़े भाई की मदद से बेच देता था-----
नैनीताल से बीवी संग अफीम की तस्करी करने वाले ऑटो इलेक्ट्रीशियन, उसकी पत्नी और बड़े भाई को पुलिस ने पकड़ा है। इनसे 2 किलो अफीम मिली है। पुलिस गुरदासपुर के गांव घोड़ावाहा के रहने वाले ऑटो मैकेनिक सुखबीर सिंह, उसकी पत्नी सुखविंदर कौर और बड़े भाई जसवीर सिंह को मंगलवार को अदालत में पेश करके रिमांड पर लेगी। इनका कोरोना टेस्ट भी करवाया जाएगा। थाना भोगपुर में इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा-18 के तहत केस दर्ज किया गया है। डीएसपी दविंदर कुमार अत्री ने बताया कि आरोपियों को पठानकोट रोड पर जालंधर की तरफ आते गिरफ्तार किया गया है।
एक साल से तस्करी- किलो के पीछे कमाते थे 40 हजार रुपए
प्राथमिक पूछताछ में यह बात सामने आई कि सुखबीर सिंह नैनीताल में किराये के मकान पर रह रहा है अौर ऑटो मैकेनिक है। करीब एक साल पहले उसके तार वहां के एक अफीम तस्कर से जुड़े गए थे। वह उनसे 80 हजार रुपए किलो के हिसाब से अफीम खरीदता था और 1.20 लाख रुपए में आगे बेच देता था। सुखबीर के इस काम में उसकी मदद पत्नी और बड़ा भाई जसवीर करते थे।
जांच में यह बात सामने आई कि पति-पत्नी हर महीने 2 किलो अफीम लेकर आते थे। वे बस में ही आते थे और जसवीर उन्हें लेने के लिए जालंधर आ जाता था। पुलिस उन पर शक न करे, इसलिए गुरदासपुर आने से पहले शॉपिंग कर सामान गाड़ी में रख लेते थे। सोमवार को भी सुखबीर अपनी पत्नी संग बस में 2 किलो अफीम लेकर आया था। वह बस अड्डे पर उतर गए थे।
यहां से जसवीर उन्हें गाड़ी में लेने अा गया था। जसवीर ने माना कि वह पहले ट्रक चलाता था। फिर खेती शुरू कर दी। जसवीर ने माना कि सुखबीर उसे अफीम लाकर देता था और वह आगे बेच देता था। पुलिस पता लगा रही है कि आरोपी किन लोगों को अफीम बेच रहे थे।
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