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Sunday, April 4, 2021

पुल‍िस अफसर की आंखों में भी आंसू आ गए -बयान करते समय

 update-04/04/2021 Time-6;00 PM

भावुक होकर रोने लगा यूपी का यह पूर्व पुलिस अधिकारी -

बयान करते समय सख्त पुल‍िस अफसर की आंखों में भी आंसू आ गए 
साल 2004 में सपा सरकार के दौरान बहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के पास से सेना की चोरी हुई एलएमजी (Light Machine Gun) बरामद  हुई थी. इस मामले में पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह ने मुख्तार के खिलाफ कार्रवाई की थी. हालांकि तब डिप्टी एसपी पर ही केस दर्ज हुए थे और उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा था. लेकिन अब योगी सरकार में शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लिए गए हैं. यह आदेश CJM कोर्ट ने दिया है. खुद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर कर यह जानकारी दी है. 
गौरतलब है कि इंडियन आर्मी के ही एक भगोड़े जवान ने सेना से लाइट मशीन गन चुराई थी और माफिया मुख्तार को बेच दी थी. जब यह मामला सामने आया, तो UP स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) के तत्कालीन डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बहुबली विधायक मुख्तार के खिलाफ POTA (The Prevention of Terrorism Act, 2002) के तहत कार्रवाई की थी. लेकिन उस समय की सरकार (समाजवादी पार्टी सरकार) ने शैलेंद्र सिंह पर दबाव बनाना शुरू किया. इस बात से गुस्साए शैलेंद्र सिंह ने डिप्टी एसपी के पद से इस्तीफ़ा दे दिया.
इसके बाद सपा सरकार ने शैलेंद्र पर कई केस लगा दिए. 2017 में जब योगी सरकार आई तो शैलेंद्र सिंह पर लगे सभी केस हटाने का निर्णय लिया गया. इस फैसले को कोर्ट की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है. 
पूर्व डिप्टी सीएम ने पोस्ट कर लिखा --
CJM कोर्ट के फैसले के बाद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी फेसबुक पर शेयर कर लिखा, "2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए उस समय की सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया. जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया. लेकिन जब योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई. न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई. मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा. संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं."
कर्मचारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर शैलेंद्र सिंह गए थे जेल----
जानकारी के मुताबिक, शैलेंद्र सिंह ने जब इस्तीफा दे दिया था, उसके कुछ महीने बाद वाराणसी के कैंट थाने में डीएम ऑफिस के फोर्थ क्लास कर्मचारी ने  उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. तहरीर में कर्मचारी ने बताया था कि शैलेंद्र ने डीएम ऑफिस के रेस्टरूम में तोड़फोड़ और हंगामा किया है. ऐसे में शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. 
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Tuesday, December 1, 2020

असली सिंघम:लुटेरी गैंग को पकड़ने मौत से भिड़ गया जवान,2-पर्स में रखे मोबाइल को ट्रैक पर डाला, 3-अफीम बरामद नैनीताल


लुटेरी गैंग को पकड़ने मौत से भिड़ गया जवान, 25 किमी तक फुल स्पीड में भाग रही पिकअप वैन --


\गुजरात के सूरत शहर में सड़क पर एक लुटेरी गैंग को पकड़ने के लिए एक पुलिस जवान गणेश चौधरी ने अपनी जान दांव पर लगा दी। पुलिस की नाकेबंदी देखकर जब आरोपी भागने लगे तो गणेश उनकी चलती पिकअप पर कूद गया, लेकिन आरोपियों ने पिकअप नहीं रोकी। इस तरह जवान वैन के बोनट पर करीब 25 किमी तक लटका रहा। इसके बाद वाहन चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया तो गणेश चौधरी वहीं नीचे गिर गए और आरोपी वहां से फरार हो गए।

नाकेबंदी कर रोकने को कोशिश की
नवसारी शहर पुलिस की ओर से त्योहार को लेकर सघन पेट्रोलिंग अभियान चलाया जा रहा था। नवसारी टाउन पुलिस के जवान रेलवे स्टेशन क्षेत्र में ड्यूटी पर उपस्थित थे। उस दौरान महिंद्रा पिकअप नंबर gj5 वाई-वाई 1480 नंबर की गाड़ी पर शक होने के कारण पुलिस के जवानों ने उसे रोककर गाड़ी के कागज मांगे। लेकिन गाड़ी चलाने वाले ने गाड़ी भगा दी। इस दौरान पुलिस कांस्टेबल किशन घोरिया और गणेश चौधरी ने रास्ते पर नाकेबंदी कर रखी थी।

चलती पिकअप पर ही कूद गया जवान
नाकाबंदी देखकर वाहन चालक ने गति और तेज कर दी। यह देखते हुए लोक रक्षक दल का जवान गणेश चौधरी गाड़ी के ऊपर बोनट पर कूद गया और वाहन चालक को रोकने की कोशिश की। लेकिन, चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और बोनट पर चढ़े पुलिस जवान को उसी स्थिति में पलसाना तक यानी की करीब 25 किमी तक लेकर गया। आगे जाकर बलेश्वर गांव के पास वाहन चालक ने तेजी से ब्रेक लगाया तो गणेश चौधरी वहीं नीचे गिर गए और वाहन चालक वहां से फरार हो गए। इस दौरान पुलिस की एक पीसीआर वैन इसका पीछा कर रही थी। गणेश चौधरी को जख्मी हालत में देखकर पुलिस की वैन रुकी और गणेश चौधरी को अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू की है।

लुटेरी गैंग के गुर्गे थे पिकअप में सवार
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिकअप में शीकलीगर गैंग के गुर्गे सवार थे, जो अब तक कई लूट की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। पिकअप में बैठे दो लोगों को पुलिस जवान पहचान गए थे और इसीलिए उन्हें पकड़ने की कोशिश की गई। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।


पर्स में रखे मोबाइल को ट्रैक पर डाला, 6 किमी दूर लुटेरे तक पहुंची पुलिस,



चब्बेवाल पुलिस साइबर तकनीक की मदद से करीब डेढ़ घंटे में 6 किमी दूर पर्स छीनकर भागे बाइक लुटेरे तक पहुंची और पर्स बरामद कर लिया। हालांकि लुटेरा फरार हो गया। जानकारी के अनुसार होशियारपुर-चंडीगढ़ रोड पर मंगलवार देर शाम एक बाइक लुटेरे ने एक्टिवा से जा रही मां-बेटी सतविंदर कौर और गुरजीत कौर निवासी गांव ताजेवाल को धक्का देकर गिरा दिया और पर्स छीन फरार हो गया। पर्स में पासपोर्ट, विदेशी कागजात समेत बैंक की कॉपियां, दो एटीएम कार्ड, दो महंगे मोबाइल समेत जरूरी कागज थे।

इसके बाद दोनों मां-बेटी थाना चब्बेवाल पहुंचीं और सारी बात बताई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसी समय दोनों मां-बेटी के फोन ट्रैक पर लगा दिए। लोकेशन ट्रेस होते ही एएसआई सुरजीत सिंह रवाना हो गए। गांव छोटा जटपुर के पास उक्त युवक सड़क किनारे अपनी बाइक पर बैठकर कोई नशा ले रहा था। पुलिस पार्टी को देखकर वह पर्स खेत में फेंककर फरार हो गया। पुलिस ने मां-बेटी काे पर्स लौटा दिया।

मां-बेटी ने की चब्बेवाल पुलिस की प्रशंसा
गांव ताजेवाल की सतविंदर कौर और गुरजीत कौर ने बताया कि वह दोनों होशियारपुर से गांव जा रही थीं, तभी सारा वाक्या पेश आया। सतविंदर कौर ने थाना चब्बेवाल पुलिस की कार्रवाई की प्रशंसा कर धन्यवाद किया। एएसआई सुरजीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने सतविंदर कौर के बयानों पर अज्ञात युवक खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

अफीम बरामद:बीवी संग मिलकर ऑटो मैकेनिक नैनीताल से करता था अफीम की तस्करी, बड़े भाई की मदद से बेच देता था-----

नैनीताल से बीवी संग अफीम की तस्करी करने वाले ऑटो इलेक्ट्रीशियन, उसकी पत्नी और बड़े भाई को पुलिस ने पकड़ा है। इनसे 2 किलो अफीम मिली है। पुलिस गुरदासपुर के गांव घोड़ावाहा के रहने वाले ऑटो मैकेनिक सुखबीर सिंह, उसकी पत्नी सुखविंदर कौर और बड़े भाई जसवीर सिंह को मंगलवार को अदालत में पेश करके रिमांड पर लेगी। इनका कोरोना टेस्ट भी करवाया जाएगा। थाना भोगपुर में इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा-18 के तहत केस दर्ज किया गया है। डीएसपी दविंदर कुमार अत्री ने बताया कि आरोपियों को पठानकोट रोड पर जालंधर की तरफ आते गिरफ्तार किया गया है।

एक साल से तस्करी- किलो के पीछे कमाते थे 40 हजार रुपए

प्राथमिक पूछताछ में यह बात सामने आई कि सुखबीर सिंह नैनीताल में किराये के मकान पर रह रहा है अौर ऑटो मैकेनिक है। करीब एक साल पहले उसके तार वहां के एक अफीम तस्कर से जुड़े गए थे। वह उनसे 80 हजार रुपए किलो के हिसाब से अफीम खरीदता था और 1.20 लाख रुपए में आगे बेच देता था। सुखबीर के इस काम में उसकी मदद पत्नी और बड़ा भाई जसवीर करते थे।

जांच में यह बात सामने आई कि पति-पत्नी हर महीने 2 किलो अफीम लेकर आते थे। वे बस में ही आते थे और जसवीर उन्हें लेने के लिए जालंधर आ जाता था। पुलिस उन पर शक न करे, इसलिए गुरदासपुर आने से पहले शॉपिंग कर सामान गाड़ी में रख लेते थे। सोमवार को भी सुखबीर अपनी पत्नी संग बस में 2 किलो अफीम लेकर आया था। वह बस अड्डे पर उतर गए थे।

यहां से जसवीर उन्हें गाड़ी में लेने अा गया था। जसवीर ने माना कि वह पहले ट्रक चलाता था। फिर खेती शुरू कर दी। जसवीर ने माना कि सुखबीर उसे अफीम लाकर देता था और वह आगे बेच देता था। पुलिस पता लगा रही है कि आरोपी किन लोगों को अफीम बेच रहे थे।



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Saturday, November 14, 2020

भिखारी को देख DSP ने गाड़ी रोकी तो निकला


कई बार खुद के किस्मत पर भी यकीन नहीं होता...यकीन नहीं होता अपनी तकदीर पर...गुमनाम किसी अंधेरे में रह कर भी, खुशी की तलाश करती है किस्मत...मुक्कदर में कुछ और, जिंदगी कुछ और कहानी कहती है| कई बार ऐसा होता है जिसे देखकर खुद पर भी भरोसा नहीं होता है| ऐसी ही एक कहानी है मध्य प्रदेश के ग्वालियर से....

Saturday, September 26, 2020

महत्वपूर्ण जानकारी भारतीय पोलिस के नियम- पुलिस इंस्पेक्टर कैसे बनते हैं


FORCE TODAY NEWS PORTAL

भारतीय पुलिस विभाग के नियम और आधार को पूरा करने के लिए कैसे-पूर्ण विवरण एसीपी / डीएसपी / डीसीपी / आईजी / एसएसपी / डीजीपी और सभी
HOW TO RECOGNIZE THE RANK AND BADGE OF INDIAN POLICE- Full Details ACP/DSP/ DCP/IG/SSP/DGP AND ALL

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Saturday, September 5, 2020

भारतीय पुलिस- असली सुपरहीरो हैं

 भारतीय पुलिस सेवा एक नौकरी है जैसे कोई और नहीं। आपको लगातार अपने पैर की उंगलियों पर होना चाहिए, अपराधियों से लड़ने के लिए तैयार है और यदि आवश्यक हो, तो किसी भी क्षण अपने जीवन को छोड़ दें। ये असली सुपरहीरो हैं। यहां 3 बहादुर दिल हैं जिनके बारे में बात करने लायक है। जबकि उनमें से कुछ ने हमारे लिए लड़ते हुए अपनी जान दे दी, दूसरों ने देश को रहने के लिए एक बेहतर और सुरक्षित जगह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी

Shivdeep Waman Lande

Shivdeep Lande Age, Caste, Height, Weight, Wife, Children, Family,  Biography & More » StarsUnfolded

यह कहानी बॉलीवुड के एक एक्शन फ्लिक से सही है! एक समय था जब पटना गुंडों के शहर के रूप में बदनाम था, लेकिन जब तक एसपी लांडे ने पदभार नहीं संभाला। यह वन-मैन सेना शायद चुलबुल पांडे के लिए प्रेरणा थी क्योंकि एक बार जब वह सत्ता में आए, तो शहर में अपराध दर में सुधार हुआ। एसपी के रूप में केवल 10 महीनों में, उन्होंने न केवल दवा माफिया, अवैध शराब की दुकानों पर अंकुश लगाया और सख्त यातायात कानून लागू किए, बल्कि अपनी भक्ति और निस्वार्थ सेवा के साथ दिल जीत लिया। इससे ज्यादा और क्या? वह महिलाओं के साथ कुल हिट थी और शहर की सभी लड़कियों के लिए एक बड़े भाई की तरह थी। उसने उन सभी को अपना मोबाइल नंबर दिया, ताकि वे जरूरत के समय में उसे सीधे फोन कर सकें। एक सच्चे नायक, लांडे!



मोहन चंद शर्मा---


बटला हाउस एनकाउंटर: 12 साल बाद शहीद मोहन चंद शर्मा को गैलेंटरी अवॉर्ड –  Legend News

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मोहन शर्मा ने एक अविश्वसनीय 35 आतंकवादियों को मार डाला और एक अन्य 80 की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेदार था। लेकिन वह 2008 में बटला मुठभेड़ के दौरान टीम का नेतृत्व करने के लिए सबसे प्रसिद्ध है। 41 वर्षीय दुर्भाग्य से दिल्ली में एक भीषण बंदूक लड़ाई में गोली लगने से घायल हो गया। जिस तरह से उन्होंने अपने करियर में काम किया, उसी तरह उन्होंने भारी हथियारबंद आतंकवादियों को बेरहमी से तब तक मौत के घाट उतारा, जब तक कि उनका दम नहीं उड़ गया। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया क्योंकि दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे, और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था!



अजीत कुमार डोभाल


Ajit Kumar Doval

डोभाल को बहुत अच्छी तरह से भारत का शर्लक होम्स कहा जा सकता है। एक आईपीएस अधिकारी जो इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक बन गए, वे अब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। 3 दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने कई मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है और वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी भी बने, जो केवल सेना के लिए आरक्षित था।


वह 7 लंबे समय तक पाकिस्तान में एक अंडरकवर एजेंट था और देश को महत्वपूर्ण जानकारी देता था। इतना ही नहीं, 1980 के दशक के दौरान, जब अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर खालिस्तानी आतंकवादियों ने कब्जा कर लिया था, तो डोभाल ने खुद को आईएसआई एजेंट के रूप में प्रच्छन्न किया था, जो 'सरकार के खिलाफ लड़ाई में आतंकवादियों की मदद करने' के लिए आए थे, और सेना के लिए महत्वपूर्ण जानकारी से गुज़रे ।



Monday, August 24, 2020

करप्शन बिलकुल ख़तम ऐसे पुलिस वाले अगर सभी जगह हो


करप्शन बिलकुल ख़तम ऐसे पुलिस वाले अगर सभी जगह हो== FORCE-TODAY NEWS

Mast pic in 2020 | Police outfit, Military women, Female police ...

Wednesday, August 19, 2020

SALUTE-THIS VIDEO- [ FORCE TODAY NEWS ]

 


Saluting Indian Police Woman Stock Photo - Download Image Now - iStock

Friday, August 14, 2020

दारोगा को गरीब का ठेले पलटना पड़ा भारी,


उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक दारोगा द्वारा फल विक्रेता से बुरे बर्ताव का मामला सामने आया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था. अब इस पूरे मामले में कार्रवाई हुई. आरोपी दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है

Up Police Constable Result 2020 For More Information Read Here ...

Friday, July 31, 2020

BREAKING-मुंबई पुलिस का बिहार पुलिस के साथ ‘कैदियों’ जैसा बर्ताव? |


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force-today is uttarakhand most trusted Hindi News Channel with 24 hour coverage

How shameful': Twitterati fume over Bihar police traveling by auto ...

Tuesday, July 28, 2020

26/11: कसाब AK-47 रायफल से गोलियां बरसा रहा था..brave-सब-इंस्‍पेक्‍टर तुकाराम ओंबाले

Kasab was to die as Hindu with sacred red thread around wrist': Ex ...

भारत में हुए सबसे भीषण आतंकी हमले के 26 नवंबर . 2008 को हुए मुंबई आतंकी हमले में 

10 पाकिस्‍तानी आतंकियों ने मुंबई में कहर बरपाया था. इसमें से एक आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया. उसे पकड़ने में अहम भूमिका महाराष्‍ट्र पुलिस के असिस्‍टेंट सब-इंस्‍पेक्‍टर तुकाराम ओंबाले ने निभाई थी.

उस घटना से महज पांच दिन पहले पुलिस इंस्‍पेक्‍टर संजय गोविलकर की पोस्टिंग मुंबई के डीबी मार्ग पुलिस स्‍टेशन में हुई थी. उन्‍होंने उस खौफनाक रात को याद करते हुए 'द वीक' मैगजीन को बताया, ''उस रात करीब साढ़े बारह बजे जब हमने देखा कि एक कार ने डिवाइडर को टक्‍कर मार दी. हमने दो पुलिस टीमें बनाईं और उस तरफ बढ़े. एक टीम में मैं, तुकाराम ओंबाले और अन्‍य साथी थे, दूसरी टीम में भास्‍कर कदम, हेमंत बौधंकर और अन्‍य लोग थे. भास्‍कर कदम ने बेहतरीन शॉट लगाया. गोली सीधे ड्राइविंग सीट पर बैठे एक आतंकी को लगी और वह ढेर हो गया.''

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा, ''मैं और तुकाराम ओंबाले, कसाब की तरफ लपके. कसाब ने अपने पैरों के पीछे AK-47 छिपा रखी थी. उसने तत्‍काल उसे निकालते हुए फायरिंग शुरू कर दी. ओंबाले ने सामने से उसकी गोलियों को झेलते हुए उसे पकड़ लिया और तब तक नहीं छोड़ा जब तक कि हम लोगों ने उसे पकड़ नहीं लिया. मैंने तुकाराम जैसी वीरता और साहस कभी नहीं देखा.'' तुकाराम ने कसाब की एके-47 रायफल की नली पकड़ ली थी. वह फायरिंग करता रहा लेकिन उन्‍होंने उसको नहीं छोड़ा.

संजय गोविलकर ने ये भी कहा कि साथी हेमंत तो कसाब को गोली मारने ही वाले थे कि अचानक बिजली की तरह दिमाग में विचार कौंधा और उनको ट्रिगर नहीं दबाने के लिए कहा. इस तरह कसाब को जिंदा पकड़ा गया. उसको चार साल बाद 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई. संजय गोविलकर (49) पुलिसकर्मियों के जीवन पर अब तक पांच किताबें लिख चुके हैं.

तुकाराम ओंबाले
महाबलेश्‍वर के रहने वाले तुकाराम ओंबाले को असाधारण साहस दिखाने के लिए मरणोपरांत अशोक च्रक से नवाजा गया. तुकाराम के परिवार में पत्‍नी और चार बेटियां-पवित्रा, वंदना, वैशाली और भारती हैं. उनकी शहादत के बाद परिवार ने यह कहते हुए किसी भी तरह की वित्‍तीय सहायता लेने से इनकार कर दिया कि उनकी पेंशन और जमा-पूंजी पर्याप्‍त है. उनकी एक बेटी वैशाली घर में बच्‍चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं. दूसरी बेटी भारती सेल्‍स टैक्‍स में क्‍लास वन ऑफिसर हैं. पवित्रा ब्‍यूटी सैलून चलाती हैं और वंदना होममेकर हैं.

वैशाली ने उस घटना को याद करते हुए 'द वीक' से कहा, ''मुझे याद है कि उस रात साढ़े बारह बजे के आस-पास कसाब से उनकी मुठभेड़ से चंद मिनट पहले मेरी उनसे बात हुई थी...उन्‍होंने उस वक्‍त कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है और हम लोगों को ऐहतियात बरतने की सलाह दी थी.'' वैशाली ने यह भी कहा कि वह बहुत बहादुर आदमी थे. उनके अंदर डर नाम की कोई चीज नहीं थी. वह हमेशा कहते थे कि हमेशा भयमुक्‍त रहो. बाहर निकलने से मत डरो. इस वजह से कभी घर में मत बैठो कि बाहर जाने से डर लगता है.

वैशाली ने बताया कि यदि वह आज जिंदा होते तो रिटायर होने के बाद महाबलेश्‍वर में कमजोर तबके के बच्‍चों को शिक्षा देते. हम शहीद तुकाराम ओंबाले चैरिटेबल ट्रस्‍ट के माध्‍यम से उनके सपने को पूरा करना चाहते हैं. परिवार द्वारा किसी भी तरह की वित्‍तीय मदद से इनकार के मुद्दे पर बोलते हुए वैशाली ने कहा कि ये रकम उनको दी जानी चाहिए जिनको इसकी वास्‍तव में जरूरत है

Kasab execution unlikely to impact India-Pakistan peace process ...


अजमल कसाब के अंतिम अल्‍फाज थे- 'आप जीत गए, मैं हार गया'

पाकिस्‍तान से आए 10 आतंकियों ने उस हमले को अंजाम दिया था. उनमें से एक अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा गया था. बाद में उसको फांसी दे दी गई. लश्‍कर-ए-तैयबा के आतंकी अजमल आमिर कसाब से जिस सीनियर पुलिस इंस्‍पेक्‍टर रमेश महाले ने सबसे पहले पूछताछ की थी, उनसे अपने अंतिम समय में कसाब ने कहा था, ''आप जीत गए, मैं हार गया.'' भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत 80 मामलों में दोषी ठहराए गए कसाब ने अपनी फांसी से एक दिन पहले यह बात रमेश महाले से की थी.

जब कसाब पकड़ा गया...
26 नवंबर, 2008 को जब कसाब पकड़ा गया तो सबसे पहले जिन पुलिस ऑफिसर्स ने कसाब से पूछताछ की थी, उनमें महाले भी शामिल थे. महाले 26/11 आतंकी हमले के मुख्‍य जांच अधिकारी थे और 2008 में मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 1 के मुखिया थे. कसाब क्राइम ब्रांच की कस्‍टडी में 81 दिन रहा था. उसके बाद उसे आर्थर रोड जेल में शिफ्ट किया गया था.

Vulnerable India: Ajmal Kasab may have been hanged but the country ...

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