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Friday, May 29, 2020

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट REPORT FORCE TODAY




1-आईपीएस अमिताभ यश उत्तर प्रदेश एसटीएफ (UP STF) में पुलिस महानिरीक्षक (UP STF IG) हैं।
उनके नाम अब तक 36 एनकाउंटर दर्ज हैं। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि वह जिस भी जिले में जाते हैं, वहां अपराधी डर कर या तो वापस जेल चले जाते हैं या फिर जिला ही छोड़ देते हैं।


राजेश कुमार पांडेय



2-उत्तर प्रदेश में बरेली रेंज के डीआईजी आईपीएस अधिकारी राजेश कुमार पांडेय के नाम 50 एनकाउंटर्स दर्ज हैं। वह अलीगढ़ के एसएसपी भी रह चुके हैं।
गैंग्स्टर श्रीप्रकाश शुक्ला एनकाउंटर टीम के खास किरदार रहे। 
उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के रहने वाले राजेश कुमार पांडेय को अब तक चार बार वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।



3-आईपीएस दीपक कुमार चित्रकूट रेंज के डीआईजी हैं। वह बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने बीएचयू से पढ़ाई की है।
आधिकारिक तौर पर दीपक कुमार ने उत्तर प्रदेश में रहते हुए 56 एनकाउंटर्स किए है

Tuesday, May 26, 2020

कैसे पुलिस ने एनकाउंटर में चारों आरोपियों को मार गिराया? FORCE TODAY REPORT


  हैदराबाद. तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में जिस हाइवे पर महिलासे दरिंदगी के बाद जला दिया गया था, उसी जगह पर पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया   जानते हैं पुलिस ने कैसे किया इन आरोपियों का एनकाउंटर:रिमांड के दौरान पुलिस चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले गई थी. पुलिस पूरे घटना को आरोपियों की नजर से समझना चाह रही थी. कहा जा रहा है कि इसी दौरान इन चारों ने पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश की. ऐसे में पुलिस के सामने गोली चलाने के अलावा कोई चारा नहीं था. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए गोलियां बरसा दी. देखते ही देखते चारों आरोपी वहीं ढेर हो गए. बाद में लाशों को सरकारी अस्पताल भेज दिया गया.                   मुख्य आरोपी की मां ने कहा था बेटे को जिंदा जला दो इसके पहले एक आरोपी की मां ने कहा था कि अगर उसके बेटे ने ऐसा घिनौना अपराध किया है, तो उसे तुरंत फांसी दे देनी चाहिए या उसे भी ज़िंदा जला दिया जाए. आरोपी सी चेन्नाकेशावुलु की मां श्यामला ने कहा था, 'उसे भी फांसी की सजा दे दो या आग लगा दो जैसा कि उसने महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद किया.'

आरोपी की मां ने ये भी कहा कि वो उस परिवार के दर्द को समझ सकती है. उन्होंने कहा, 'मुझे भी एक बेटी है और मैं उस परिवार के दर्द को समझ सकती हूं कि उस परिवार के साथ इस वक्त क्या गुज़र रही होगी. अगर मैं अपने बेटे का बचाव करूंगी तो जीवन भर लोग मुझसे घृणा करेंगे.'      TWITTER- Hyderabad: Senior Police officials arrive at the site of the encounter. All four accused in the rape and murder of woman veterinarian in Telangana were killed in an encounter with the police when the accused tried to escape while being taken to the crime spot






Monday, May 25, 2020

देश के 5 चर्चित एनकाउंटर, REPORT FORCE TODAY





इशरत जहां एनकाउंटर  
2004 में हुए एनकाउंटर में गुजरात पुलिस ने इशरत जहां उसके दोस्त प्रनेश पिल्लई उर्फ जावेद शेख और दो पाकिस्तानी नागरिकों अमजदाली राना और जीशान जोहर को आतंकी बताते हुए ढेर कर दिया था। इशरत जहां केस में पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, पूर्व एसपी एनके अमीन, पूर्व डीएसपी तरुण बरोट समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है. पूर्व डीजीपी पीपीपी पांडेय को बीते साल सीबीआई अदालत ने इस मामले में आरोप मुक्त कर दिया गया था।

तुलसी प्रजापति एनकांउटर
तुलसी प्रजापति सोहराबुद्दीन शेख का साथी और शार्प शूटर था। पुलिस ने तुलसी को हरने पंड्या की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। 2007 में अहमदाबाद पेशी पर ले जाते समय तुलसी को उसके साथी छुड़ाकर ले जाने आए थे। इसी दौरान हुई मुठभेड़ में तुलसी मारा गया था। इस मामले की आंच पुलिस के साथ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, उद्यमी विमल पाटनी, गुजरात के राजकुमार पाण्डेर पर भी आई थी। 

वारंगल एनकाउंटर
हैदराबाद रेप और मर्डर केस के आरोपियों का मार गिराने वाले पुलिस कमिश्नर वीजे सज्जनार पहले भी एक एनकाउंटर से चर्चा में आए थे। 2008 में सज्जनार वारंगल के एसपी थे। तब दिसंबर 2008 में एक महिला पर एसिड अटैक हुआ था। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस जब आरोपियों को घटनास्थल पर लेकर जा रही थी तो वह भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने मुठभेड़ में आरोपियों को मार गिराया था।

बटला हाउस एनकाउंटर 
13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट से पूरा देश दहल गया था। दिल्ली पुलिस ने जांच के बाद बम ब्लास्ट के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन को दोषी माना था। 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के नेतृत्व में बटला हाउस पहुंचे। वहां दोनों ओर से फायरिंग हुई। इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को दो गोलियां लगी थी। दो आरोपी आरिज और शहजाद दूसरे गेट से निकल कर भागने में कामयाब रहे। गोलियां लगने से आतिफ अमीन और साजिद की मौत हो गई। पुलिस ने दो आतंकियों को भागते समय गिरफ्तार कर लिया। बाटला हाउस पर इसी साल जॉन अब्राहम ने फिल्म बनाई थी, जो सुपरहिट हुई थी।

वडाला एनकाउंटर
1982 के इस मामले में मुंबई पुलिस (तब बॉम्बे पुलिस) ने गैंगस्टर मान्या सुर्वे का एनकाउंटर किया था। मान्या सुर्वे की उस समय बॉम्बे में बहुत दशहत थी। वह पुलिस के लिए काफी मुसीबत बन गया था। 11 जनवरी 1982 को पुलिस ने वडाला इलाके में उसे घेर लिया था। पुलिस के अनुसार मान्या सुर्वे को आत्मसमर्पण करने का मौका भी दिया गया, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। सुर्वे के सीने और कंधे में 5 गोलियां लगी थी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना पर शूटआउट एट वडाला फिल्म बनी थी, जिसमें मान्या सुर्वे का किरदार विवेक ओबरॉय ने निभाया था।


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