DATE-13/11/2021 FORCE-TODAY NEWS NSG
महिला पुलिस अफसर को सैल्यूट
इस PHOTO को IAS सुप्रिया साहू ने ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि इंस्पेक्टर राजेश्वरी से ज्यादा सशक्त कंधे किसी के भी नहीं हो सकते। भारी बारिश के बीच उन्होंने एक बेहोश व्यक्ति को ऑटो में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया।राजेश्वरी ने जिस व्यक्ति को कंधे पर उठाया था उसका नाम उधाया बताया जा रहा है। राजेश्वरी के मुताबिक जब वे चेन्नई के हालात जानने निकली थीं तो उन्होंने एक आदमी सड़क के किनारे बेहोश पड़ा दिखा। उन्होंने लोगों की मदद से उसे उठाकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया। समय पर अस्पताल पहुंचने के कारण उधाया की जान बच गई है। फिलहाल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। राजेश्वरी चेन्नई के टीपी चेतराम पुलिस स्टेशन में तैनात हैं।
सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को उम्रकैद
पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को लखनऊ की MP-MLA कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 2 लाख का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने यह फैसला चित्रकूट की महिला से गैंगरेप और उसकी बेटी के साथ रेप के प्रयास में दोषी ठहराए जाने के बाद सुनाया है। सजा सुनते ही गायत्री फूट-फूटकर रोने लगा।
वहीं, मामले में आरोपी गायत्री के दोनों साथियों आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा मिली है। तीनों दोषियों को जेल से लाकर विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय के सामने पेश किया गया है। दो दिन पहले (10 नवंबर) ही तीनों को दोषी ठहराया गया था। गायत्री प्रसाद सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री था।अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप का आरोप
- पीड़ित महिला ने बताया था कि 2013 में चित्रकूट में गंगा आरती के कार्यक्रम में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से एक काम के सिलसिले में मिली थी।उसके साथ अक्टूबर 2014 से जुलाई 2016 तक गैंगरेप किया गया। मंत्री के डर के कारण वह चुप रही। मगर जब आरोपियों ने उसकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकी। 18 फरवरी 2017 को उसने केस दर्ज कराया था।नाबालिग से रेप की कोशिश में दोषियों पर पॉक्सो एक्ट भी लगा था। पॉक्सो एक्ट में अधिकतम सजा के लिए उम्र कैद या मृत्यु दंड का प्रावधान है। गायत्री प्रजापति 15 मार्च 2017 से जेल में है।
- 10 नवंबर को जब गायत्री प्रजापति को दोषी ठहराया तो कोर्ट ने पीड़िता को भी कटघरे में खड़ा किया। बार-बार बयान बदलने के कारण कोर्ट ने पीड़िता और उनके पक्ष के गवाह राम सिंह राजपूत और अंशु गौड़ के खिलाफ जांच के आदेश दिए।कोर्ट ने कहा था कि किस वजह से, किसके प्रभाव में बार-बार बयान बदले गए? इसकी जांच लखनऊ के पुलिस आयुक्त कराएंगे। वहीं, इस केस में 4 आरोपियों चंद्रपाल, विकास वर्मा, रूपेश्वर और अमरेन्द्र सिंह पिंटू को कोर्ट ने निर्दोष माना था। FORCE-TODAY NEWS NSG
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